माया मिली न राम..

बीजेपी से हाथ मिलाकर असम गण परिषद ने अपने ताबूत में आख़िरी कील भी ठोंक ली है। पार्टी में ज़बर्दस्त विद्रोह हो गया है। एक बड़े हिस्से ने निकलकर अलग असम गण परिषद आंचलिकतावादी पार्टी बनाने और सैंतालीस सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने अगप को केवल 24 सीटें दी हैं। इसके अलावा पार्टी के कई नेता टूटकर काँग्रेस में भी जा रहे हैं।
अगप की टूट से बीजेपी जिस फ़ायदे की उम्मीद लगाए बैठी थी उस पर भी पानी फिरना तय है। अब काँग्रेस विरोधी वोट न केवल बँटेंगे, बल्कि कुछ हिस्सा काँग्रेस की झोली में भी गिर सकता है।
( देश के जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.)

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