पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान निर्विरोध जीतकर विधान परिषद पहुंच गये हैं। उप चुनाव मे भाजपा से दारा सिंह चौहान ने नामांकन दाखिल किया था। सपा-बसपा और कांग्रेस सहित किसी अन्य दल ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। आलमबाग निवासी ओमकार सिंह ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था। लेकिन उनके नामांकन पत्र मे प्रस्तावक नहीं होने के कारण उनका नामांकन निरस्त हो गया। दारा सिंह चौहान के खिलाफ किसी भी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारा इसलिए वह अब निर्विरोध विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हो गए हैं। सूबे के उच्च सदन के लिए निर्वाचन के साथ ही अब उन्हे मंत्री बनाए जाने की चर्चा भी तेज हो गई है। चर्चा है कि बहुत जल्द योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि पूर्वांचल में वोटों का जातीय गणित साधने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले राजभर वोटर बेस वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कोटे से ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाया जा सकता है।
इससे पहले भी दारा सिंह चौहान यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के अगले ही दिन दारा सिंह चौहान ने भी अपना इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। दारा सिंह चौहान 1996 और 2000 में राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। 2009 का लोकसभा चुनाव दारा सिंह चौहान ने बसपा के टिकट पर घोसी सीट से लड़ा और जीता। साल 2015 में दारा सिंह चौहान ने भाजपा ज्वॉइन कर लिया और 2017 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 2022 में भाजपा से इस्तीफा देकर वह सपा में शामिल हुए और घोसी से चुनाव जीत गए। इसके बाद दारा सिंह चौहान सपा छोड़कर भाजपा मे शामिल हुए थे। सपा विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद वे घोसी उप चुनाव हार गए थे। दिनेश शर्मा के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट से बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को टिकट दिया और अब वह विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हो गए हैं।