दुनियाभर के सामने चीन को बेनकाब करने वाली 37 वर्षीय महिला पत्रकार झांग झान को चीन ने न सिर्फ महीनों से जेल में बंद कर रखा है बल्कि कुछ मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह ख़बर भी सामने आ रही है कि झांग झान का जेल में जमकर उत्पीड़न हो रहा है। दरअसल इस महिला पत्रकार ने ही सबसे पहले कोरोना वायरस को लेकर चीन द्वारा की गई साजिश का पर्दाफाश किया था। महिला पत्रकार झांग झान को कोरोना महामारी पर स्टोरी कवर करने के दौरान वहां की स्थानीय पुलिस ने मई में गिरफ्तार किया था। झांग पर महामारी को लेकर मनगढ़ंत खबरें फैलाने का आरोप लगा था इसके साथ ही उन पर यह भी आरोप था कि उन्होंने झगड़ा किया और प्रशासन के लिए मुश्किलें पैदा कीं।
बताया जाता है कि महिला पत्रकार झांग झान कोरोना महामारी पर स्टोरी कवर करने के लिए फरवरी की शुरुआत में शंघाई से वुहान गई थीं। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ कोरोना वायरस महामारी को लेकर कई रिपोर्टें कीं, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारों को हिरासत में रखे जाने की घटना को लेकर भी स्टोरी की। इसके अलावा, उन पीड़ित परिवारों के चीनी उत्पीड़न पर भी रिपोर्ट की, जो अपने परिजनों को खोने के बाद प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर रहे थे। जिसके बाद वुहान पुलिस ने मैसेज, वीडियो और अन्य सोशल मीडिया मंच के जरिए झूठी खबरें प्रसारित करने के आरोप में महिला पत्रकार झांग झान को गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि उनको लंबे समय तक वकीलों से दूर रखा गया। झांग के वकील दाई पेइकिंग को 9 सितंबर, 2020 को उनसे मुलाकात की अनुमति दी गई थी। पता चला है कि महिला पत्रकार का जेल में जमकर उत्पीड़न हो रहा है।
वुहान में कोरोना वायरस की रिपोर्टिंग के लिए सिर्फ झांग झान ही एक मात्र चीनी पत्रकार नहीं हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया है, बल्कि दो अन्य पत्रकार हैं जो चीनी हिरासत में हैं। चेन मेई और काई वी दो अन्य पत्रकार हैं जो वुहान से कोरोना संबंधित समाचारों को कवर करने के लिए हिरासत में हैं। एक अन्य पत्रकार ली जेहुआ फरवरी माह से ही लापता थे, हालांकि कई सप्ताह बाद वह अचानक से सामने आए और उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षाबलों द्वारा क्वारंटाइन में रखा गया था। इसके अलावा चेन कियूशी और फैंग बिन अब भी लापता हैं। चीन पर शुरू से ही आरोप लगते रहे हैं कि उसने जानबूझकर कोरोना का सच छिपाया। अब जब दुनिया के सामने उसकी पोल खुल गई है तो चीन की बौखलाहट साफ झलक रही है।