नई दिल्ली। एक हजार करोड़ के मानहानि का नोटिस, थाने में शिकायत तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की तरफ से लगातार हल्ला बोल के बाद भी योगगुरु बाबा रामदेव दबाव में नहीं हैं। लगता है बाबा रामदेव आईएमए (IMA) से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। बाबा रामदेव ने आईएमए (IMA) के खिलाफ और आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। बाबा रामदेव ने साफतौर पर कहा है कि डॉक्टर्स ने नहीं बल्कि योग और नेचुरोपैथी ने कोरोना से लाखों लोगों की जान बचाई है। रामदेव ने दावा किया है कि जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल 70 से भी कम हो गया था वे लोग भी योग और नेचुरोपैथी के जरिए ठीक हुए हैं। बाबा रामदेव ने जोर देकर कहा है कि ये दावा बिलकुल झूठ है कि कोरोना के सभी मरीजों का इलाज डॉक्टर ही कर रहे थे। सच यह है कि कोरोना के 100 में से 90 मरीज योग, आयुर्वेद और प्राणायाम से ही ठीक हुए हैं।
एक इंटरव्यू में योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा है कि गंभीर होकर अस्पताल जाने वाले सिर्फ 10 % मरीजों का इलाज ही इन डॉक्टर्स ने किया है। डॉक्टर गुलेरिया ने खुद कहा है कि इस रोग से पीड़ित हुए 90 % लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ा, ये सभी लोग आयुर्वेद, योग और स्वस्थ जीवन शैली की वजह से ठीक हुए हैं। मैं मानता हूं कि उन्होंने जान देकर मरीजों का इलाज किया और इसके लिए उनको धन्यवाद भी देता हूं। लेकिन यह कहना गलत है कि सिर्फ डॉक्टर ही इलाज कर रहे थे। इन डॉक्टरों ने गंभीर होकर अस्पताल जाने वाले सिर्फ 10 % मरीजों का ही इलाज किया है। सच यह है कि कोरोना के 100 में से 90 % मरीज योग, आयुर्वेद और प्राणायाम से ही ठीक हुए हैं।