कनकलता। पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमनमणि त्रिपाठी के टिकट को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव आमने-सामने आ गए हैं। अखिलेश यादव चाहते हैं कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद अमनमणि का टिकट काट दिया जाए लेकिन शिवपाल यादव गिरफ्तारी के बाद भी अमनमणि के साथ खड़े दिख रहे हैं।
दरअसल कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को समाजवादी पार्टी ने महराजगंज की नौतनवां सीट से टिकट दिया है। पत्नी सारा सिंह के मर्डर के आरोप में शुक्रवार देर शाम अमनमणि त्रिपाठी को दिल्ली में सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। अमनमणि की गिरफ्तारी से यूपी का सियासी माहौल भी गरमा गया है।
अमनमणि का टिकट कटने के बाद अमरमणि को दोहरा झटका लग सकता है। अमरमणि त्रिपाठी अपने बेटे अमनमणि को विधायक बनाकर अपनी राजनीतिक विरासत सौंपना चाहते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से जानने वालों का दावा है कि यदि समाजवादी पार्टी ने अमनमणि का टिकट काट दिया तो अमरमणि त्रिपाठी को बड़ा झटका लगेगा।
खतरे में अमरमणि की राजनीतिक विरासत
अमरमणि के इकलौते बेटे अमनमणि को पिता से राजनैतिक पृष्ठभूमि के साथ दबंगई भी विरासत में मिली। माता-पिता के जेल जाने के बाद अमनमणि ने 2012 के विधानसभा चुनावों में सपा के टिकट पर लक्ष्मीनगर सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। अमनमणि के खिलाफ लखनऊ के कैंट थाने में अपहरण का मामला भी दर्ज है। इस मामले में अमनमणि को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था। पत्नी के मर्डर के आरोप में अमनमणि की गिरफ्तारी के बाद अब पूरा परिवार जेल में होगा। इकलौते बेटे की गिरफ्तारी के बाद अब अमरमणि त्रिपाठी की राजनीतिक विरासत खतरे में पड़ती दिख रही है।