भ्रष्टाचारी यादव सिंह को बचाने के लिए अखिलेश यादव ने खर्च किए थे 21 लाख

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लखनऊ। नोएडा के करोड़पति भ्रष्टाचारी इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई जांच से बचाने के लिए अखि‍लेश यादव की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों पर 21.15 लाख रुपए खर्च किए थे। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिये हुआ है। यह आरटीआई डॉ नूतन ठाकुर ने दायर की थी।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यादव सिंह की पैरवी के लिए चार सीनियर एडवोकेट अप्वाइंट किए थे। इनमें कपिल सिब्बल को 8.80 लाख रुपए, हरीश साल्वे को 5 लाख, राकेश द्विवेदी को 4.05 लाख और दिनेश द्विवेदी को 3.30 लाख रुपए दिए गए थे। यानी वकीलों को 21.25 लाख रुपए की पेमेंट की गई।

यादव सिंह सबसे पहले नवंबर 2014 में सुर्खियों में आया जब उसके अलग-अलग ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे पड़े। उसके घर में 2 किलो सोना और आडी कार के अलावा 10 करोड़ रुपये कैश मिला था। बताया जाता है कि यादव सिंह के पास करीब 1000 करोड़ की संपत्ति है। उसकी 40 कंपनियों में हिस्सेदारी है। उसके खिलाफ आईटी, ईडी और सीबीआई भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच कर रही है।

डॉ नूतन ठाकुर का कहना है, यह वास्तव में अफसोसजनक है कि यादव सिंह जैसे दागी को बचाने के लिए राज्य सरकार ने इतनी भारी धनराशि खर्च किया। नूतन ठाकुर ने इस खर्च के लिए जिम्मेदार अफसरों के जेब से इस धनराशि को वसूलने की मांग की है।

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