अमरीकियों के साथ एक ब़ड़ी दिक्कत ये है कि वे धंधे और अपने मुनाफ़े के अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते और मतलब के लिए वे गधे को भी बाप बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं।
दूसरे, उनका सामान्य ज्ञान इतना कमज़ोर होता है कि वे उन्हें ठीक से ये भी पता नहीं होता कि इंडिया नक्शे में कहाँ है।
तीसरे, ओबामा ने मोदी को जो महान सुधारवादी बताया है उसका मतलब वो सुधार नहीं है जो राजा राम मोहन राय, ज्योति बा फुले आदि ने किए। उनका आशय अर्थव्यवस्था को इस तरह से सुधारने से है ताकि वे और उनके गिरोह के देश खुले आम लूट सकें और कोई कुछ कह न सके।
ओबामा द्वारा मोदी की तारीफ़ को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए और बेवजह फूलना तो मूर्खता ही होगी।
( देश के जाने-माने पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.)