बड़े वादे और बड़े सेटप-गेटप के साथ टीवी 9 न्यूज़ नेटवर्क समूह का हिंदी न्यूज़ चैनल ‘टीवी 9 भारतवर्ष’ 30 मार्च को लांच हो रहा है। इस चैनल की बागडोर देश के तीन प्रमुख पत्रकारों विनोद कापड़ी, अजीत अंजुम और हेमंत शर्मा के हाथ में है। चैनल की ओर से दावा किया जा रहा है कि निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के संकल्प के साथ अन्य हिंदी न्यूज़ चैनलों के विपरीत यह चैनल मानवता के मूल्यों और हितों को ध्यान में रखते हुए टीवी के माध्यम से उन मुद्दों को उठाएगा, जो वास्तव में मायने रखते हैं।
हालांकि चैनल की ओर से किए जा रहे बड़े-बड़े दावों को लेकर कुछ लोग सवाल भी खड़े करने लगे हैं। देश के प्रमुख हिंदी अख़बार दैनिक जागरण के पत्रकार नितेश त्रिपाठी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि TV9 के बड़े-बड़े चेहरे जो लंबा-लंबा हांक रहे हैं कि वो ‘न इधर के होंगे, न उधर के होंगे’ इनके सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीन शॉट लेकर रख लीजिए. दावा ऐसे किया जा रहा है जैसे वर्षों खोई पत्रकारिता अब वापस शुरू हो जाएगी, मीडिया का भरम बचा रहेगा. लोकतंत्र के चौथे खंभे का लाज यही लोग बचाकर रखेंगे. ये न होते तो पत्रकरिता ऐसे ही सत्ता के आगे रेंगती रहती. ये चंद पत्रकार जो सीधे रसोईघर से चिकन-मटन का लाइव वीडियो शेयर करते हैं यही चंद पत्रकारिकता के झंडाबरदार हैं. यही दाढ़ी वाले लोग अब देश समाज की आवाज बनेंगे. पत्रकारिता अब इन्हीं के भरोसे है. ये न होते तो राम नाथ गोयनका और प्रभाष जोशी आज भी ऊपर बैठकर खुदा से ये मिन्नत कर रहे होते कि, हे प्रभु- काश हमें कुछ दिन के लिए फिर जमीं पर भेज दे. भारतीय पत्रकारिता को एक मर्तबा फिर हमारी जरूरत महसूस हो रही है.
जैसा दावा है क्या वैसा ही हकीकत में भी नजर आएगा. इंतजार करिए. और अगर नहीं हुआ तो प्रमोशन के वास्ते बड़े बड़े फेंकने वाले इन नकाबपोश पत्रकारों का स्क्रीन शॉट लेकर इनके मुंह पर मारिएगा और पूछिएगा कि कहां गए गरजने वाले जो बरस न सके.