गोरखपुर। यूपी के सिदार्थनगर जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटे अलीगढ़वा कस्बे से एक प्रमुख हिंदी दैनिक अख़बार के पत्रकार ध्रुव कुमार यादव को एसएसबी ने चरस रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एसएसबी ने ध्रुव के खिलाफ कपिलवस्तु कोतवाली में 6 किलो 50 ग्राम चरस बरामदगी का केस दर्ज करने की तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर पत्रकार ध्रुव कुमार यादव को जेल भेज दिया है।
लेकिन पत्रकार ध्रुव कुमार यादव की गिरफ्तारी के पीछे की जो कहानी सामने आ रही है वह बेहद खौफनाक है। बताया जा रहा है कि ध्रुव अलीगढ़वा कस्बा के एक चाय की दुकान से चाय पीकर जैसे ही निकले एसएसबी जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। पत्रकार को पकड़ता देख लोगों की भीड़ जुट गई, और गिरफ्तारी की वजह पूछने लगी। इस पर एसएसबी जवानों ने लाठी भांजते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया और पत्रकार को कैम्प पर लेकर चले गए। जिस समय पत्रकार को पकड़ा गया उस समय उनके पास कुछ भी नहीं था, वह खाली हाथ थे, लेकिन देर रात ध्रुव के खिलाफ एसएसबी ने कपिलवस्तु कोतवाली में चरस बरामदगी का केस दर्ज करने की तहरीर दी।
जिले के पत्रकारों का कहना है कि ध्रुव यादव सीमा पर एसएसबी के खिलाफ आमतौर से लिखते रहते हैं। ध्रुव यादव ने कई बार एसएसबी की कारगुजारियां उजागर की थी। इससे एसएसबी के कुछ लोग क्षुब्ध थे। इसी द्वेष में ध्रुव यादव को साजिश रचकर फर्जी मामले में एसएसबी ने फंसाया है। पहले भी एसएसबी ऐसा कर चुकी है। डीआईजी की जांच में यह सामने आ चुका है। तब दोषी जवानों पर अनुशासनिक कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। इस बार एसएसबी ने बड़े स्तर पर साजिश रची है, जिससे बचने की गुंजाइश न रहे। एसएसबी की यह कार्रवाई पूरी तरह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।