लखनऊ। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के एक बेहतरीन प्रयास की खूब सराहना हो रही है। सिद्धार्थनाथ सिंह की पहचान यूपी के तेज तर्रार और ईमानदार मंत्रियों में की जाती है और इसी अंदाल में सिद्धार्थनाथ सिंह ने कार्रवाई करते हुए सबको चौका दिया है। दरअसल यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को यह जानकारी मिली कि परिवार कल्याण निदेशालय में कार्यरत वरिष्ठ सहायक रामकिशोर रावत ने दर्जनों अभ्यर्थियों से नौकरी के नाम पर लाखो रूपये की वसूली की है। मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए एक पात्र अभ्यर्थी श्वेता सिंह ने तो रावत के दबाव में एक लाख रूपये ब्याज पर लेकर उसे रिश्वत दी है। जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को हुई उन्होने सीधे रावत को फोन कर पहले घूस की रकम वापस करवाई और अब मंत्री ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी को घूसखोर कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा के उसे जेल भेजने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के इस बेहतरीन प्रयास की खूब सराहना हो रही है। मंत्री के कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।