पहले एक रिपोर्टर की गिरफ़्तारी, अब एक संपादक से 12 घंटे तक थाने में पूछताछ

एक नज़र इधर सोशल मीडिया से

रिपब्लिक भारत के एडीटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी से सोमवार को मुंबई पुलिस द्वारा करीब 12 घंटे तक पूछताछ पर वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर का कहना है कि विचारों की सहमति-असहमति अपनी जगह है लेकिन इसमें पुलिस की एंट्री का ट्रेंड बेहद खतरनाक है। वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने ट्वीट कर कहा है कि अरनब गोस्वामी को 12 घंटे पुलिस थाने में पूछताछ का समर्थन नहीं किया जा सकता है। विचारों की सहमति-असहमति अपनी जगह है, इसमें पुलिस की एंट्री का ट्रेंड ख़तरनाक है। इसे रोकना चाहिए।

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