पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के पेपर लीक मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। अब तक की जांच में यह पता चला है कि पेपर लीक करने का सौदा 50 करोड़ से अधिक में तय हुआ था। एसआईटी सूत्रों के अनुसार प्रति छात्र 5 से 6 लाख रुपए में डील हुई थी। बतौर एडवांस 40 से 50 प्रतिशत राशि का पेमेंट किया गया था। शुरुआती जांच में पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, वैशाली छपरा में पकड़े गए फर्जीवाड़े में अब तक करीब 100 छात्रों को पास कराने की डीलिंग का खुलासा हुआ है।
बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान बिहार कर्मचारी चयन आयोग के सचिव और पर्चा लीक कांड के सूत्रधार परमेश्वर राम ने खुलासा किया है कि आयोग ने पिछले 5 सालों में जितनी भी नियुक्तियां की हैं, सभी में भयंकर गड़बड़ियां हुई हैं। अरबों रूपये की उगाही हुई है तथा सैकड़ों बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के सगे-सम्बधियों की बहाली की गई है। पूछताछ के दौरान परमेश्वर राम ने 36 राजनेताओं के साथ ही राज्य के उच्च पदस्थ 9 आईएएस अधिकारियों का नाम लिया है, जो किसी न किसी रूप में इस घोटाले के लाभार्थी रहे हैं।