कनकलता। आम आदमी पार्टी का प्रमुख चेहरा रहीं शाजिया इल्मी ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था या जबरन उनसे इस्तीफा लिया गया यह आज भी एक रहस्य का विषय बना हुआ है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि शाजिया ने अपनी मर्जी से पार्टी का दामन छोड़ा था हालांकि इसके उलट शाजिया इल्मी का दावा है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी नहीं छोड़ी थी बल्कि उनसे जबरन इस्तीफा लिया गया था।
दरअसल शाजिया इल्मी ने पार्टी के सभी पदों से उस समय इस्तीफा दिया जब अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद थे। इस्तीफा देने के बाद शाजिया इल्मी ने कहा था कि वह लोकसभा चुनावों से पहले ही इस्तीफा देने की सोच रही थीं लेकिन वह समय उन्हे सही नहीं लगा। फिर उन्होंने चुनाव परिणाम का इंतजार किया और उसके बाद इस्तीफा दिया। यानि की लोकसभा चुनाव से पहले ही सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा था।
शाजिया इल्मी कभी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की बेहद करीबी मानी जाती थीं। लेकिन आखिर वह कौन सा कारण था जिसके चलते केजरीवाल और इल्मी की राहें अलग-अलग हो गईं। आम आदमी पार्टी के एक नेता बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल शाजिया इल्मी पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन शाजिया की हरकतों ने केजरीवाल को दूरी बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
शाजिया इल्मी पर सबसे पहले उनके ही परिवार वालों ने गंभीर आरोप लगाए थे। शाजिया के छोटे भाई राशिद इल्मी ने कहा था कि शाजिया का स्वभाव ही धोखेबाजी का है। वह बहुत बड़ी फ्रॉड है और वह हमारी मां को पीटने वाली महिला है। चुनाव के दौरान शाजिया का एक स्टिंग ऑपरेशन भी सामने आया था जिसमें वह एक धरना-प्रदर्शन में शामिल होने पर 25 लाख रुपए का बेनामी चंदा लेने की बात करती दिखी थीं। शाजिया इल्मी पर आरोप था कि वह कुछ दस्तावेजों के एवज में मदद को राजी हो जाती हैं। स्टिंग में शाजिया कैश लेने के लिए भी तैयार हो जाती हैं और विरोधी कंपनी की छवि खराब करने के लिए कैश लेने के तौर तरीके पर बात करती हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान शाजिया इल्मी का एक विवादित वीडियो भी सामने आया था। जिसमें वो मुसलमानों से सांप्रदायिक होने की अपील करती दिखीं। वीडियो सामने आने के बाद शाजिया इल्मी की चौतरफा निंदा हुई थी। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी शाजिया के बयान को आपत्तिजनक माना था। कांग्रेस ने शाजिया की तुलना प्रवीण तोगड़िया से की थी। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तो चुनाव आयोग से शाजिया पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
आम आदमी पार्टी के एक नेता का दावा है कि पार्टी की ओर से बार-बार चेतावनी के बावजूद शाजिया लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं जिससे मजबूर होकर पार्टी ने महत्वपूर्ण बैठकों में उन्हें बुलाना बंद कर दिया था। आप नेता बताते हैं कि शाजिया इल्मी पर पार्टी नेताओं की गोपनीय बातचीत की रिकार्डिंग करने का भी आरोप लगा था जिससे आहत होकर पार्टी के कई नेताओं ने उनसे बातचीत करना और मिलना भी बंद कर दिया था।