सुप्रीम कोर्ट ने ‘न्यूजक्लिक’ ( News Click ) के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ( Prabir Purkayastha ) को बड़ी राहत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ‘न्यूजक्लिक’ के संपादक की रिहाई का आदेश सुनाते हुए पुलिस के तौर तरीकों को लेकर भी गंभीर टिप्पणी की है। जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखे जाना कानून की नजर में अवैध था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड को अमान्य कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के पीछे के आरोप निराधार हैं।
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने पिछले साल तीन अक्टूबर को चीन की ओर से प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में प्रबीर पुरकायस्थ को UAPA के तहत गिरफ्तार किया था। पुरकायस्थ तभी से जेल में बंद हैं। पुरकायस्थ ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 मई) को प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए उन्हे रिहा करने का आदेश दिया है।