चौबेपुर का विकास दुबे कैसे बन गया यूपी का सबसे बड़ा अपराधी?

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लखनऊ/कानपुर। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले विकास दूबे को इस समय यूपी का सबसे बड़ा अपराधी कहा जा रहा है। चौबेपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप लगा है। इस घटना ने उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। कुख्यात हिस्ट्रीशटर विकास दुबे के खिलाफ 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई गंभीर मुकदमे भी शामिल हैं। विकास दुबे ने वर्ष 2001 में राजनाथ सिंह सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी थी। 

स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि पिछले करीब दो दशक से अपराध की दुनिया में विकास दुबे का दबदबा है। विकास दुबे के ऊपर हत्या का आरोप लगता है और फिर वे जेल जाते हैं उसके बाद जेल से बाहर आकर फिर हत्या करते हैं इस तरह लगातार सिलसिला चलते आ रहा है लेकिन अब तक किसी मामले में सजा नहीं मिल सकी।

बताया जाता है कि वर्ष 2002 में यूपी में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी, उस समय विकास दुबे की तूती बोलती थी। इस दौरान विकास दूबे ने खूब पैसा कमाया। विकास दूबे के बारे में कुछ लोग बताते हैं कि प्रापर्टी डीलिंग के धंधे से उसने जमकर पैसा कमाया और इन पैसों को स्कूल तथा कालेज में लगा दिया।

पहले से थी दबिश की जानकारी, किसी भी हद तक जाने को तैयार बैठा था विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने जिस तरह अपने साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है इससे तो यही लगता है कि उसे पहले ही पुलिस की दबिश की सूचना मिल गई थी। जिसके बाद विकास दुबे ने किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रखी थी। सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की संयुक्त पुलिस टीमें विकास दुबे को पकडने के लिए जब उसके गांव विकरु पहुंची तो पहले से सड़क पर जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता रोका गया था। पुलिस की टीमें जैसे ही गाड़ियों से बाहर निकलीं और आगे बढ़ी उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गयी। देखते ही देखते पुलिसकर्मियों की लाशें बिछ गयीं। जिस तरीके से बदमाशों ने पुलिस पर हमला किया, उससे यह साफ पता चलता है कि बदमाशों को पुलिस दबिश की सूचना पहले से थी।

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