विवेक तिवारी की हत्या के पीछे योगी सरकार को बदनाम करने की साज़िश तो नही..

एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के पीछे पुलिस की योगी सरकार को बदनाम करने की साज़िश तो नही है? जिस सिपाही प्रशांत ने विवेक को सामने से उनके माथे पर गोली मारी उसके हाथ में नाईन एम एम की पिस्तौल किसने दी? यह सबसे पहले जाँच होनी चाहिये। सिपाही प्रशांत 2016 में पुलिस में भर्ती हुआ उसे पिस्तौल आवंटित नही की जा सकती है। किसी भी सिपाही को तब तक पिस्तौल नही दी जा सकती जब तक वह शेडों की ट्रेनिंग न कर ले और पिस्तौल वह तभी लगाकर चल सकता है जब वह शेडों ड्यूटी पर हो। सबसे पहले यही जाँच होनी चाहिये कि सिपाही को पिस्तौल किसके निर्देश पर दी गई? ऐसा तो नही कि वह इंस्पेक्टर या किसी अन्य अफ़सर की पिस्तौल लेकर जा रहा था।

(यूपी के वरिष्ठ पत्रकार देवकी नंदन मिश्रा के एफबी वॉल से)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *