गोरखपुर। जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डा. आरएन सिंह का मलबे पर बैठकर मरीज देखने की तस्वीर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल कुछ दिन पहले जिला प्रशासन की टीम ने झमाझम बारिश के बीच डॉ. आरएन सिंह का क्लीनिक ध्वस्त कर दिया था। बताया जा रहा है कि क्लीनिक ध्वस्त होने के बाद भी डॉ. आरएन सिंह अपनी टीम के साथ वहां मरीजों का ईलाज कर रहे हैं। इस दौरान मलबे पर बैठकर मरीज देखने की तस्वीर सामने आई है। डा. आरएन सिंह पूर्वांचल के मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ हैं। डा. आरएन सिंह को गरीबों का डाक्टर कहा जाता है। सबसे खास बात यह है कि डा. आरएन सिंह यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा डा. आरएन सिंह का क्लीनिक तोड़ देना चर्चा का विषय बना हुआ है।
डॉ. आरएन सिंह का आरोप है कि जिला प्रशासन निरंकुशता की सारी हदें पार कर चुका है। डॉ. सिंह का दावा है कि बिना नोटिस दिए भीषण बारिश और लॉकडाउन के बीच सुबह 8.40 बजे ही उनका क्लीनिक तोड़ दिया गया। उन्हें सूचना तक नहीं दी गई। इस बारे में डॉ. आरएन सिंह ने ‘ख़बर अब तक’ को बताया कि उनका क्लीनिक तोड़कर प्रशासन ने उनके साथ अन्याय किया है लेकिन वे मरीजों के साथ अन्याय नहीं कर सकते। यही कारण है कि वे क्लीनिक टूट जाने के बाद भी वहां पर मरीजों को देख रहे हैं। फिलहाल डॉ. आरएन सिंह का मलबे पर बैठकर मरीज देखना चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग अपने-अपने हिसाब से तमाम तरह के कयास लगा रहे हैं।
२००३ में जमीन खरीद कर,रजिस्ट्री व खारिज दाखिल के बावजूद, जी डी ए से अनापत्ति प्राप्त कर के बनाया गया था ९२० स्क्वायर फीट में यह भवन। न कोई विधिक सूचना न ही जरूरी दस्तावेज व न ही कीमती वस्तुएं निकालने का समय दिये ही, ध्वस्त कर दी गयी।
ध्वसतीकरण की प्रकृया अपरंपरागत समय प्रातः नौ बजे, भीषण बारिश में, उस छेत्र में कोविड की वजह से लाकडाउन लगा होने के बाद भी किया गया ध्वस्तीकरण।
उच्च न्यायालय में दाखिल वाद में ध्वस्तीकरण के ही दिन( २८ जुलाई,२०२०) गोरखपुर प्रशासन को जबाब देना था ,मात्र तीन घंटे बाद।
इतनी अनियमितताएं बरती गयीं शंकर क्लिनिक( डा वीना सिंह के भवन के ध्वसतीकरण में।
डा आर एन सिंह,
गोरखपुर,