लखनऊ। यूपी को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए योगी सरकार ने ऑपरेशन क्लीन तेज कर दिया है। रविवार देर रात परिवहन विभाग के दो बड़े अफसरों की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है। यूपी की इटावा पुलिस ने रविवार को एआरटीओ कार्यालय में छापा मारकर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। एसएसपी वैभव कृष्ण और डीएम सेल्वा कुमारी के निर्देश पर चार एसडीएम, चार सीओ और कई थानों की पुलिस ने एआरटीओ कार्यालय के साथ-साथ कई और जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान भारी मात्रा में नकदी, सोना, चांदी और फर्जी दस्तावेज बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान कुछ ऐसे कागजात भी मिले हैं जो वर्ष 2008 में एआरटीओ कार्यालय में आग लगने के दौरान जलकर खाक होना बताये गए थे।
बताया जा रहा है कि एसएसपी वैभव कृष्ण के निर्देश पर अपराध शाखा की टीम पिछले करीब दो सप्ताह से परिवहन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और दलालों के इस रैकेट से जुड़े हुए लोगों के नंबर सर्विलांस पर लगाये हुए थी। इस बीच शनिवार को एसएसपी वैभव कृष्ण के तबादले की ख़बर सामने आ गई। एसएसपी वैभव कृष्ण ने शनिवार को तबादला होने के बाद रविवार को इस ऑपरेशन को अंजाम देने की रणनीति बनायी। रविवार की सुबह पुलिस के चार क्षेत्राधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र श्रीवास्तव के निर्देशन में अपराध शाखा की टीम के साथ निकले। एसएसपी ने मामले में कोई उंगली न उठे इसको लेकर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को पूरे मामले की जानकारी दी। ऑपरेशन में डीएम के निर्देश के बाद सिटी मजिस्ट्रेट शमशाद हुसैन, उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ को भी शामिल कर लिया गया। सबसे पहले एआरटीओ कार्यालय में छापा मारा गया। वहां से बड़ी मात्रा में नकदी समेत फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। मुख्य सरगना प्रदीप गुप्ता को पुलिस ने वहीं से गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब प्रदीप गुप्ता से पूछताछ की तो उसने पूरा राज उगल दिया। उसके बाद पुलिस ने चौगुर्जी में रहने वाली महिला क्लर्क बेबी के घर पर छापा मारा तो बेबी पुलिस को देखकर फरार हो गई। पुलिस ने उसके घर से भारी मात्रा में नकदी, कंप्यूटर के अलावा फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि देर रात एआरटीओ प्रशासन हिमांशु जैन और एआरटीओ प्रवर्तन मोहम्मद अजीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है।