प्रतीक यादव और अपर्णा के साथ लखनऊ के कान्हा उपवन का ये दृश्य मेरी ही नही हज़ारों आँखों में दिनभर खटकता रहा..

बी.के.सिंह। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का मुलायम के बेटे प्रतीक यादव और बहु अपर्णा के साथ कान्हा उपवन जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि अरबों की काली कमाई को पचाने वाले ये लोग जांच से बचने के लिए अब योगी की चापलूसी कर रहे हैं। योगी की उपवन यात्रा के बाद उनके समर्थकों का कहना है कि “योगी जी हम आपकी सादगी के कायल हैं और आपकी सत्यनिष्ठा पर हमें पूरा भरोसा है लेकिन क्या बूचड़खाने खुलवाने के खून से पांच साल तक रँगे रहे वो ही हाथ अगर गोसेवा के नाम पर लखनऊ में एक उपवन स्थापित करदे तो उनका पाप कम हो जायेगा? योगीजी, सपा के भ्रष्ट नेता और अफसरों से बचिए। काली कमाई के साझेदारों से बचिए। जिन लोगों ने यूपी को लूटा है वो आपके मुजरिम है मेहमान नही। जिस प्रदेश को आपने अंत्योदय का वचन दिया है वहां भ्रष्ट राजनीती की संतानो की मेजबानी से बचिए। योगीजी जनता ने आपको सर आँखों पर बैठाया है, आप पर भरोसा किया है, इस भरोसे पर खरोंच मत लगने दीजिये। ये रावण हैं दूर रहिये इनसे इन्होंने हिरन की जगह आपको फुसलाने के लिए गाय का सहारा लिया है। इन्हें पहचानिये ये आपकी निष्ठा हर लेंगे। योगीजी इनकी खरोंच से बचिए एक बार इनकी खरोंच लगी नही कि आपकी पारदर्शिता हमेशा के लिए धुंधला जाएगी।”

deepak sharmaदेश के जाने-माने खोजी पत्रकार दीपक शर्मा ने “इंडिया संवाद” वेबसाइट पर लिखा है.. एक ज़माने बाद यूपी को अब जाकर कोई योगी मिला है. ना पत्नी है, ना संतान और ना कोई परिवार. और सत्ता के इस सर्वगुण पर सुहागा ये कि योगी 18 घंटे काम करने की अद्भुत क्षमता रखते है. उनका दामन भगवा भले ही हो पर बेदाग़ है. वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहली बार ज़रूर बैठें हैं पर 5 बार के सक्रिय सांसद रहे है. यानी यूपी को साफ़ नियत और नीति से आगे ले जाने की अपार संभावना है योगी में.

लेकिन योगी जी मुझे आपसे शिकायत है. स्वार्थवश कोई शिकायत नही पर जनहित में ज़रूर है. इसलिए आपको टोकूंगा ज़रूर. आपको रोकूंगा ज़रूर. आपका सम्मान बरक़रार है पर आज कुछ बुरा लगा तो कहने के अधिकार से मत रोकिये. मैं किसी का निंदक नही, यूपी का शुभचिंतक हूँ. मैं जो कहूंगा वो आपके इर्द गिर्द अखिलेश के अफसर नही कह पाएंगे. आपके मातहत मंत्री भी कुर्सी के भय से चुप रहेंगे. इसलिए मुझे ही बुरा बनने दीजिये. मुझे ही कहने दीजिये.

योगीजी आज जिस तरह आप मुलायम के बेटे प्रतीक यादव और उनकी बहु अपर्णा के साथ लखनऊ के कान्हा उपवन गए वो दृश्य मेरी ही नही हज़ारों आँखों में दिनभर खटकता रहा. योगीजी, भले ही प्रतीक यादव ने गोसेवा के बहाने आपको आमंत्रित किया लेकिन सच ये है कि इसी यादव परिवार ने प्रदेश में सैकड़ों अवैध स्लॉटर हाउस खुलवाए. पूरे राज्य भर में जो हाथ, बूचड़खाने खुलवाने के खून से पांच साल तक रँगे रहे वो ही हाथ अगर गोसेवा के नाम पर लखनऊ में एक उपवन स्थापित करदे तो उनका पाप कम नही हो जाता है. ये वही प्रतीक यादव हैं जो गायत्री प्रजापति के सबसे नज़दीकी रहे. जिन्होंने खनन के नाम पर यूपी की हर गंगा हर यमुना को लूटा. ये वही प्रतीक यादव हैं जो संजय सेठ जैसे अरबपति बिल्डर के साझेदार रहे और नॉएडा से लेकर लखनऊ तक सबसे महंगी ज़मीनो पर काबिज़ हुए. ये वही प्रतीक यादव हैं जिन्होंने 5 करोड़ रूपए की लंबोर्गिनी कार से चुनाव प्रचार किया था और जिनकी अकूत दौलत अब केंद्रीय एजेंसियों के राडार पर हैं.

योगीजी, विरोधी दल से हाथ मिलाना राजनीति में अछूत नही माना जाता है. प्रतीक यादव और अपर्णा से भेंट करना गलत नही है लेकिन उनके एजेंडे में फंसना बीजेपी की शुचिता पर सवाल उठाता है. आप सीएम के तौर पर बीते कुछ दिनों में इन दोनों से दो बार मिले हैं. पहले अपने निवास पर और आज उनके साथ उन्ही के उपवन में. योगीजी, बार बार की इन मुलाकातों से राज्य में गलत सन्देश जा रहा है. लोग दबी जबान में कह रहे हैं कि यादव परिवार आज गायत्री प्रजापति और संजय सेठ की अरबों की काली कमाई के साझेदार रहे हैं और जांच से बचने के लिए अब योगी की चापलूसी कर रहे हैं.

योगीजी आपकी सत्यनिष्ठा पर हमे भरोसा है. आपकी सादगी के हम कायल हैं. ये जानकर हम सबको अच्छा लगता है कि आप बिना ऐ सी, बिना किसी ऐशोआराम के रहते हैं. लेकिन फिर भी इतना ज़रूर कहना पड़ रहा है कि आज प्रतीक यादव के साथ आपकी उपवन यात्रा ने बहुतों को कष्ट दिया है. योगीजी, सपा के भ्रष्ट नेता और अफसरों से बचिए. काली कमाई के साझेदारों से बचिए. जिन लोगों ने यूपी को लूटा है वो आपके मुजरिम है मेहमान नही. जिस प्रदेश को आपने अंत्योदय का वचन दिया है वहां भ्रष्ट राजनीती की संतानो की मेजबानी से बचिए. योगीजी जनता ने आपको सर आँखों पर बैठाया है. आप पर भरोसा किया है. इस भरोसे पर खरोंच मत लगने दीजिये ..दूर रहिये …ये रावण हैं इन्होंने हिरन की जगह आपको फुसलाने के लिए गाय का सहारा लिया है. इन्हें पहचानिये. ये आपकी निष्ठा हर लेंगे. इनकी खरोंच से बचिए …योगीजी एक बार इनकी खरोंच लगी नही कि आपकी पारदर्शिता हमेशा के लिए धुंधला जाएगी.

याद रखिये आप योगी है. और ये दुष्ट भोगी हैं.

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌ ।  धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥

yaswant singh

 

देश के चर्चित पत्रकार यशवंत सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है..   योगी मोदी के भक्त बिलकुल कमेंट न करें… क्योंकि भक्तों की बुद्धि दक्खिन चली जाएगी… कल योगी जी मुलायम के बेटे प्रतीक और बहू अपर्णा के कब्जाए हुए जमीन पर चलाए जा रहे गो रक्षाशाला देखने गए थे… हो गया मिलन… समाजवाद से दक्खिनवाद का.. दे ताली… चिरकुट भक्तों औकात में रहो… नेता असल में नेता होता है.. चाहे वो वाम का हो या दक्खिन का हो या समाजवाद का हो.. सब एक होते हैं.. लड़ते हम आप हैं…

 

 

 

 

IAS Surya-Pratap-Singhयूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है..  मुलायम की छोटी बहू के बुलावे पर कान्हा उपवन गौशाला देखने गए CM योगी….उन्हें ये नहीं बताया गया कि ये नगर निगम की ज़मीन पर सपा सरकार द्वारा कराया गया क़ब्ज़ा है …
मुलायम के बेटे-बहू का नगर निगम लखनऊ की 54 एकड़ हथिया ली गयी है। यह भूमि नगर निगम का स्वामित्व है परंतु क़ब्ज़ा मुलायम के बेटे व बहू का है।
नगर निगम ने इस ‘Animal Shelter’ का निर्माण लावारिस पशुओँ को रखने के किए किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 7 अगस्त, 2010 को इसका उद्घाटन किया था।
अखिलेश सरकार ने बिना किसी विज्ञापन निकले यह Animal shelter मुलायम के बेटे-बहू के ‘जीव अश्रालय’ नामक NGO को 54 एकड़ ज़मीन व बिल्डिंग long-term lease पर आज़म ख़ान के निर्देश पर नगर विकास विभाग द्वारा दे दी गयी। इस ज़मीन पर खेतीबाड़ी होती है व animal food बनाने का प्लांट लगा है। शानदार बिल्डिंग बनी हैं। एक अस्पताल है।
कुछ लावारिस पशु भी रखे जाते हैं परंतु यह कोई गोशाला नहीं है। जिस दिन मुख्यमंत्री गए थे उससे ४-५ दिन पूर्व से कुछ गायों को लाकर रख दिया गया था। यह ज़मीन ऐन नगर निगम कभी वापिस नहीं ले सकता। शहर के महँगे भाग ‘ सरोजिनी नगर’ में स्थित है। इस भूमि की क़ीमत रु.1500 करोड़ से अधिक है।
वास्तव में यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त सरकारी भूमि पर ‘मुलायम परिवार’ का प्रत्यक्ष क़ब्ज़ा है।
इसके क़ब्ज़े को कभी न हटाया जा सके, शायद इसी लिए मुख्यमंत्री को dark में रखकर भ्रमण कराया गया।
नगर निगम को इस भूमि की lease निरस्त कर open विज्ञापन जारी करना चाहिए ….. यह भ्रष्टाचार है मेरे भाई !!!!

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