वरिष्ठ पत्रकार नीलाभ मिश्र का आज सुबह चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। 57 वर्षीय नीलाभ लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। करीब एक महीने पहले उन्हें इलाज के लिए दिल्ली से चेन्नई ले जाया गया था जहां उनकी हालत धीरे धीरे बिगड़ती गई। आज सुबह करीब 7.30 बजे उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली।
नीलाभ मिश्र के निधन के बाद जनसत्ता के पूर्व संपादक और देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है.. “सुबह की किरण में आज उजाला नहीं। अलस्सबह मित्रवर अपूर्वानंद ने चेन्नई से सूचित किया कि नीलाभ मिश्र नहीं रहे। वे अपोलो अस्पताल में चिकित्सा के लिए भरती थे। पर कुछ रोज़ से हताशा भरे संकेत मिलने लगे थे। इसके बावजूद सुबह उनके निधन की ख़बर किसी सदमे की तरह ही मिली।
नीलाभ कम बोलने वाले पत्रकार थे, सौम्य और सदा मंद मुस्कान से दीप्त। लेकिन उनका काम बहुत बोलता था। जब पत्रकारिता में सरोकार छीजते चले जा रहे थे, नीलाभ ने सरोकार भरी पत्रकारिता की। आउटलुक हिंदी को उन्होंने ढुलमुल शक्ल से उबारते हुए जुझारू तेवर दिया। साहित्य-संस्कृति से भी उनका अनुराग गहरा था, जो कम पत्रकारों में दिखाई देता है। पिछले साल उन्होंने नेशनल हेरल्ड के प्रधान सम्पादक का ज़िम्मा संभाला था। सीमाओं के बावजूद वहाँ भी उन्होंने कई अनुष्ठान अंजाम दिए।
उनकी साथी-संगिनी कविता श्रीवास्तव के दुख का अंदाज़ा मैं लगा सकता हूँ। वे नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाली दबंग महिला है। नीलाभ का जाना उन्हें सबसे ज़्यादा तकलीफ़ देगा। पर उनका संघर्ष इससे विचलित न होगा। नीलाभ नहीं होंगे, पर स्मृति की भी अपनी ताक़त होती है।”