पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत तोड़ सकता है सिंधु जल समझौता

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया है। इस बीच यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत सिंधु जल समझौता तोड़ सकता है।

जानकारों का कहना है कि अगर भारत वैश्विक दबावों को दरकिनार कर सिंधु जल समझौता तोड़ देता है तो पाकिस्तान की हलक सूख जाएगी। हालांकि, विशेषज्ञ इस बात पर एकमत नहीं हैं कि सिंधु नदी समझौते को तोड़ देना चाहिए या नहीं। मगर इतना तय है कि अगर भारत यह फैसला लेता है तो पाकिस्तान के लिए बड़ी मुसीबत हो जाएगी।

हालांकि दोनो देशों के बीच दो युद्धों और एक सीमित युद्ध कारगिल और हज़ारों दिक्क़तों के बावजूद सिंधु जल समझौता कायम है। इससे पहले भी कई बार विरोध के स्वर उठते रहे लेकिन संधि पर असर नहीं पड़ा। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद एक बार फिर कयास लग रहे हैं कि भारत सिंधु जल समझौता तोड़ सकता है।

जानकारों का कहना है कि सिंधु का पानी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी जैसा है। पाकिस्तान मुख्य तौर पर कृषि प्रधान देश है और इसकी खेती का 80 फीसद हिस्सा सिंचाई के लिए सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है। ऐसे में सिंधु समझौते पर अगर भारत का रुख कड़ा हुआ तो पाकिस्तान को इसके त्वरित प्रभाव से गुजरना पड़ेगा और यह उसकी अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरे की घंटी साबित होगी। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चीन के कारण इस संधि को भारत के लिए तोड़ना आसान नहीं होगा।

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