राज्यपाल राम नाईक ने अपने पत्र में लिखा है कि विधानसभा कार्यवाही की असंपादित और संपादित प्रति के अवलोकन से स्पष्ट है कि आजम खां ने 8 मार्च 2016 को विधानसभा में राज्यपाल के प्रति 60 पंक्ति की टिप्पणी की थी। जिसमें से 20 पंक्ति हटा दी गई है। कार्यवाही से संसदीय कार्यमंत्री की 33 फीसदी पंक्ति हटाना दर्शाताहै कि उनकी भाषा विधानसभा की गरिमा, मर्यादा और परम्परा के अनुकूल नहीं है। सदन में संसदीय कार्यमंत्री का वक्तव्य उनके संसदीय कार्य मंत्री की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह के समान है कि क्या वे इस कार्य के योग्य हैं?
यूपी के राज्यपाल ने आजम ख़ान की योग्यता पर उठाए सवाल
लखनऊ। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले यूपी के सबसे ताकतवर मंत्री आजम ख़ान पर राज्यपाल राम नाईक ने तगड़ा पलटवार किया है। राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को भेजे गए अपने पत्र में आजम ख़ान की योग्यता पर सवाल उठाए हैं और कहा कि उनकी भाषा विधानसभा की गरिमा, मर्यादा एवं परम्परा के अनुकूल नहीं है।